MEHAR / मेहर (Dower) DEFINITION, OBJECTS

मेहर(Dower)-

अब्दुल कादिर बनाम सलीमा के वाद में 'जस्टिस महमूद' ने कहा कि "मुस्लिम विधि में मेहर वह धनराशि या अन्य कोई संपत्ति है, जो पति विवाह के प्रतिफल के रूप में पत्नी को देने या अंतरण करने का वचन देता है, और जहां मेहर स्पष्ट रूप से निश्चित नहीं किया गया है, वहाँ भी पति विवाह के अनिवार्य परिणाम के रूप में कानूनी मेहर का अधिकार पत्नी को प्रदान करता है।

मेहर की परिभाषा (Definition of Dower)-

'मेहर वह धनराशि या संपत्ति है जो विवाह के फलस्वरुप पति द्वारा पत्नी को उसके प्रति सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से प्रदान की जाती है।


मेहर के उद्देश्य (Objects of Dower)-

📌मुस्लिम विधि में मेहर का उद्देश्य विवाह के अंतर्गत एक ऐसा माध्यम प्रदान करना है, जिसके द्वारा पति अपनी पत्नी की प्रतिष्ठा के सत्य को अभिव्यक्त करें।
📌पति द्वारा पत्नी को मेहर केवल पत्नी के लाभ व उसके स्वतंत्र उपभोग के लिए प्रदान किया जाता है इस रूप में मेहर का अर्थ होता है पत्नी के लिए किसी संपत्ति या धन राशि की व्यवस्था करना ताकि विवाह विच्छेद के बाद वह असहाय ना रहे।
📌यह पति के तलाक देने के अप्रतिबंधित अधिकार पर अप्रत्यक्ष रूप से अंकुश लगाता है क्योंकि तलाक के बाद पति को पूरा मेहर का भुगतान करने का दायित्व है अतः तलाक से पूर्व पति अपने इस दायित्व पर अवश्य ही विचार करेगा।

BY ZEENAT SIDDIQUE

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