Marriage difference in Sunni and Shia
सुन्नी एवं शिया में विवाह संबंधित अंतर
1.) सुन्नी में मुता विवाह अमान्य (Invalid) होता है। शिया में मुता विवाह मान्य (Valid) है।
2.) पिता (Father) व पितामह (Grandfather) के अलावा भी अन्य लोग विवाह के संरक्षक (Guardian) हो सकते हैं।
केवल पिता (Father) व पितामह (Grandfather) ही विवाह के संरक्षक (Guardians) हो सकते हैं।
3.)विवाह के समय दो साक्ष्यों (Witnesses) का होना आवश्यक है।
विवाह के समय साक्ष्यों (Witnesses) की आवश्यकता नहीं होती है।
4.)एक साथ अकेले रहने में ही विवाह पूर्ण माना जाता है।
विवाह की पूर्णता समागम (Sexual intercourse) के बाद होती है।
5.) विवाह Valid, Irregular या Void हो सकता है विवाह Valid, या Void हो सकता है।
6.)एक सुन्नी पुरुष को किसी गैर मुस्लिम स्त्री (चाहे वह किसी संप्रदाय की हो) तथा किसी किताबिया लड़की से विवाह करने का पूर्ण अधिकार है जबकि एक सुन्नी मुस्लिम स्त्री को किसी गैर मुस्लिम से विवाह करने का कोई अधिकार नहीं होता है।
लेकिन शिया में पुरुष व स्त्री दोनों ही किसी गैर मुस्लिम से विवाह नहीं कर सकते हैं।
केवल पुरुष किसी किताब या या अग्निपूजक पारसी लड़की से मुता या अस्थाई विवाह कर सकता है।
Other related videos in Playlist
👉Muslim law important notes for LLB
Muslim law important notes for LLB:
👉Study Go
Our channel link study go
send me pdf pls me
ReplyDelete